मेले और उत्सव बिलासपुर जिला के लोगों के दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो यह मेले और त्यौहार यहां के लोगों की सांस्कृतिक धरोहर हैं। इस जिला में प्रतिवर्ष अनेक प्रकार के मेले और त्यौहारों का आयोजन किया जाता है। बिलासपुर जिला में जिन मेले एवं त्यौहारों को मनाया जाता है उनका ब्यौरा/विवरण निम्न प्रकार से है :-
नलवाड़ी मेला
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर कस्बे में प्रतिवर्ष मार्च और अप्रैल महीने में पशु मेला और नलवाड़ी मेले का आयोजन किया जाता है इस मेले में लोग कुश्ती प्रतियोगिता एवं अन्य मनोरंजक गतिविधियों का आनन्द उठाते हैं। नालागढ़ एवं इसके साथ लगते विभिन्न स्थानों से व्यापारी पशुओं को सजा संवार कर मेले में लाते हैं क्योंकि इस समय उन्हें पशुओं के व्यापार में अच्छा लाभ होने की आशा होती है। बिलासपुर जिले का नलवाड़ी मेला हिमाचल प्रदेश में आयोजित होने वाले अनेक कार्यक्रमों, उत्सवों घटनाओं में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हिमाचल प्रदेश एवं देश के अन्य भागों से लोग इस मेले का आनन्द प्राप्त करने के लिए बिलासपुर कस्बे में आते हैं। पांच दिनों की अवधि् वाले इस मेले में आयोजित होने वाली अनेक प्रकार की मनोरंजक गतिविधियों/कार्यक्रमों में कुश्ती प्रतियोगिता का एक महत्वपूर्ण स्थान है। बिलासपुर में आयोजित होने वाला यह सांस्कृतिक मेला न केवल यहां की कला, संस्कृति और वातावरण को प्रकट करता है बल्कि यह मेला यहां के लोगों की जीवनचर्या को भी प्रदर्शित करता है। अनेक लोग इस मेले में आते हैं और इस सांस्कृतिक मिलनस्थल पर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
नलवाड़ी पीपुल्स फेस्टिवल पर एक वृत्तचित्र
नवरात्रि मेला/उत्सव श्री नयना देवी जी
श्री नयना देवी जी हिमाचल प्रदेश के अनेक महत्वपूर्ण पूजनीय स्थलों में से एक है। बिलासपुर जिला में स्थित नैना देवी नामक स्थल भारतवर्ष के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस पवित्र स्थल पर वर्ष भर हजारों की संख्या में श्रद्धालु विशेषकर श्रावण, अष्टमी,चैत्र नवरात्रा एवं अश्विन नवरात्रों में इस स्थान पर विशेष श्रद्धालु आते हैं। इन नवरात्रो में हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त देश के अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उ०प्र० आदि से भी हजारों श्रद्धालु आते हैं जहां सती के अंग धरा पर गिरे हैं।
चैत्र श्रावण और अश्विन नवरात्रों में विशेष मेला आयोजित किया जाता है।